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#वास्तु शास्त्र,प्रायोगिक वास्तु

 क्या आप को पूरा विश्वाश है कि आप अपने घर ,दुकान,या फैक्ट्री की सही दिशाओं,तथा उसके प्रभावित क्षेत्रों के बारे में जानते है? आपका उत्तर होगा हाँ, ये कौन सी बड़ी बात है,कम्पास या मोबाइल के द्वारा तो कहीं पर भी दिशाओं को जान सकते है। आप ठीक हैं,लेकिन एक बात आपने ध्यान दिया होगा कि,प्रत्येक वास्तु शास्त्र की पुस्तक में ये लिखा रहता है कि,दिशाओं का निर्धारण केंद्र से करना चाहिए। समस्या यहाँ पर पैदा होती है कि ,केंद्र कहाँ माने,और 40 x60 के प्लाट में कैसे समझें कि ,पूर्व पश्चिम,उत्तर दक्षिण,ईशान आग्नेय,वायब्य,खान पर है उसका प्रभावित क्षेत्र कितना है,उसका ब्रम्हस्थल कितनी दूर में है। हम अपने ब्लॉग के माध्यम से आसान और अनोखी विधि से अवगत कराएंगे कि, आप किस प्रकार अपने बने हुए घर का,खरीदे जाने वाले फ्लैट का,बनाये जाने वाले नक्शे का वास्तु विश्लेषण ,दिशाओं के सही ज्ञान के माध्यम से कर सकते हैं। आप जब इस अनोखी विधि को अपनाएंगे,समझ जाएंगे तो आपको आश्चर्य होगा कि ,दिशाओं के निर्धारण,और सोच की गलतियों के चलते ही,आप गलत जगह पर गलत वास्तु का उपयोग कर रहे थे और कोई लाभ नहीं उठा पा रहे थे। इस सम्बंध में